आज करै सो अब
Published on: 13 Jul 2023
समय सदा गतिमान रहता है । वह निरंतर आगे बढ़ता रहता है - किसी के लिए रुकता नहीं । समय एक ऐसा साधन है , जिस पर मनुष्य का कोई नियंत्रण नहीं होता । जीवन और समय के बीच के संबंध को हमारे साहित्यकारों और कवियों ने बड़े प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है:
काल करै सो आज कर , आज करै सो अब ।
पल में परलय होएगी , बहुरि करेगा कब ।।
इस दोहे में संत कबीर ने हमें इस सत्य से परिचित करवाया है कि जीवन नश्वर है अतः जिस काम को आप करना चाहते हैं,उसे अभी कर लें क्योंकि जीवन की अनिश्चितता का कुछ कहा नहीं जा सकता । एक पल आप यहाँ हैं, इस लेख को पढ़ रहे हैं, अगले पल आप का जीवन कौन सी करवट लेगा , कोई नहीं जानता । इसलिए हमें जीवन के हर पल का सदुपयोग करना चाहिए क्योंकि समय और लहरें किसी की प्रतीक्षा नहीं करतीं । समय व्यर्थ करने पर हमारे हाथ बर्बादी ही लगती है और हमें पछताना ही पड़ता है । आपने वह कहावत तो ज़रूर सुनी होगी कि 'अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।' इस कहावत में इसी बात पर ज़ोर डाला गया है कि समय बीत जाने पर पछताने का कोई लाभ नहीं है । अतः यह कहा जा सकता है कि समय का सदुपयोग ही जीवन में सफलता की कुंजी है ।
जीवन में समय के एक-एक पल का सदुपयोग करने के लिए हमें एक निश्चित दिनचर्या बना लेनी चाहिए और पूरी गंभीरता से उसका पालन करना चाहिए । वैसे तो हर किसी के लिए समय अनमोल है , परंतु एक विद्यार्थी के जीवन में तो समय की विशेष भूमिका है। समय पर विद्यालय जाना , समय पर अध्ययन करना ,समय पर गृहकार्य करना - ये सब उसकी दिनचर्या के अभिन्न अंग हैं , इसलिए यह अत्यंत आवश्यक है कि विद्यार्थीगण अपनी एक समयतालिका बना कर उस पर चलने का प्रयास करें। एक कर्मशील व्यक्ति समय का पाबंद होता है और इसलिए वर्तमान में जीते हुए भविष्य की तैयारी करता है , इसके विपरीत एक आलसी व्यक्ति काम को टालता रहता है । वह सोचता है कि काम को कल कर लेगा , अगले दिन फिर वही सोचता है और उसके अगले दिन भी वह यही सोचता है , इस प्रकार उसका कल कभी नहीं आता ।
समय का सदुपयोग करने वाले लोग अपने जीवन में सफल होते हैं , और उन्हें पछताना नहीं पड़ता है । वे अपने आत्मविश्वास से प्रगति-पथ पर अग्रसर होते हैं । महात्मा गाँधी का भी मानना था कि 'आपका भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप आज क्या करते हैं।'